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गुरुवार, 14 जून 2012



Myspace Graphics पटरियां जीवन की गति में क्षण दो क्षण ठहर रेल की पटरियां.... दौड़ती भागती लहराती बल खाती मिलती बिछुड़ती साथ साथ नकारती जड़ता को हमारी आंखोँ के भ्रम से वैसे ही जैसे समय की गति नकारती है जीवन के ठहरावों को ......